अंकुर फार्म, जमुड़ी
हमारा फार्म हाउस
हमारा फार्म हाउस मप्र के अनपूपर जिले के जमुड़ी गांव में है। यह पांच एकड़ का खेत है। यहां जैविक, प्राकृतिक खेती होती है।
कवि के बारे में
कवि-परिचय
● पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर के आदमपुर गाँव में प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 में शहीद अम्मरसिंह के वंश में जन्म 1939 ।
• स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी पितामह उदयभान सिंह वैद्य के सानिध्य तथा स्वतन्त्रता संग्राम के माहौल में बचपन बीता।
● तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर से स्नातक बने तथा तिलकधारी प्रशिक्षण महाविद्यालय से शिक्षण- प्रशिक्षण प्राप्त किया। बचपन से ही कविताएँ लिखने का शौक डॉ० श्रीपाल सिंह 'क्षेम' के सानिध्य में साहित्य साधना का अवसर ।
● प्राचार्य श्री हृदयनारायण सिंह के मार्गदर्शन में तिलकधारी माडल स्कूल में प्रधानाध्यापक रहकर शिक्षा की नयी तकनीकों का प्रयोग व परीक्षण कियो, 1962-65
• सर्वोदय-विचारक आचार्य राममूर्ति की द्वितीय कन्या अनुराधा के साथ जयप्रकाश नारायण व प्रभावतीजी के सानिध्य में आदर्श विवाह । सर्वोदय आन्दोलन में प्रवेश, 1965।
• 1965 से 1976 तक अखिल भारतीय सर्व सेवा संघ प्रकाशन में संदर्भ विभाग के प्रमुख, अखिल भारतीय शांति सेना मण्डल की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका 'तरुण मन के संपादक, नगर सर्वोदय मण्डल, वाराणसी के अध्यक्ष, बंगलादेश सहायता समिति के सचिव आदि जिम्मेदारियां निभाते हुए शांतिसेना में प्रशिक्षक का काम करते रहे
• बिहार के जन-आन्दोलन में ( 1974-75) छात्र-युवासंघर्ष वाहिनी की प्रशिक्षण समिति के संयोजक रहे। आपातकाल (1975-77) में गांधी तथा मार्क्स के विचारों का अध्ययन किया तथा 1977 से मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिला शहडोल के अनूपपुर क्षेत्र में आदिवासियों के बीच अनौपचारिक रूप से कृषि प्रशिक्षण तथा अनौपचारिक शिक्षा के प्रयोग के साथ-साथ मजदूर-किसानों के हित में अनेक संघर्ष चलाये। चेतना जागरण के साथ-साथ कई स्वैच्छिक संगठनों के सलाहकार के रूप में कार्य किया।
• अनूपपुर में श्रम निकेतन संस्थान के तहत अपना स्कूल परियाेजना का संचालन किया। ऐसे 10 स्कूल खोले जिनमें अपनी बनाई स्थानीय पर्यावरण, इतिहास व सामाजिक बोध का परिचय बताने वालीं किताबें चलाईं। करीब एक दशक के बाद ये सभी स्कूल मप्र सरकार को सौंप दिए गए।
• अंकुर फार्म में 1984 तक रासायनिक खेती का प्रयोग किया। इसका प्रशिक्षण भी दिया। आसपास के किसान प्रेरित हुए। लेकिन 84 के भोपाल गैस कांड के बाद जैविक खेती की ओर मुड़े और पूरी तरह रासायनिक खेती का त्याग कर दिया।
• 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्रित्व वाली भारत सरकार ने 7 मई 1990 के प्रस्ताव द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का परिवर्तित परिस्थितियों के विषय में पुनर्निरीक्षण करने के लिए शिक्षा समीक्षा समिति का गठन किया। इसके अध्यक्ष प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक एवं समाजशास्त्री आचार्य राममूर्ति थे। इस समिति ने डेढ़ साल के भीतर अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को सौंप दी। श्याम बहादुर नम्र भी इस समिति के सदस्य रहे।
• जैविक खेती के प्रयोग सीखने के लिए नम्र जी वियतनाम सरकार के बुलावे पर वियतनाम गए। इसी तरह शिक्षा पर एक अहम बैठक के लिए वे फ्रांस की राजधानी पेरिस भी गए थे।
• उन्होंने बिजली विभाग, बैंक और अनूपपुर नगर पालिका में भ्रष्टाचार, अनियमितता व किसानों के हक के लिए अनशन किया, आंदोलन किया।
• वे पीयूसीएल के मप्र के अध्यक्ष भी रहे।
• छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियाेगी पर उन्होंने शिक्षाविद् अनिल सद्गोपाल के साथ मिलकर संघर्ष और निर्माण नामक किताब लिखी।
• अपने इलाके के किसानों, आदिवासियाें की समस्या को समझने के लिए 100 दिन की पदयात्रा भी की थी।
• 2011 में अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रेरित हुए। कई बार अनशन भी किया। दिसंबर 2012 में लंबा अनशन चला, इससे काफी कमजोर हो गए और 3 जनवरी 2012 को अंतिम सांस ली।
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